लाल किले से पीएम मोदी का भाषण: आत्मनिर्भरता का जश्न और भविष्य का रोडमैप
आज, 15 अगस्त 2025, लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 103 मिनट का भाषण दिया—जो अब तक का उनका सबसे लंबा संबोधन है। इस भाषण के केंद्र में ‘विकसित भारत’, आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat), रक्षा क्षमता और युवाओं को सशक्त बनाने जैसी रणनीतियाँ रहीं।
प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरुआत देशभक्ति, संविधान और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सलाम करते हुए की। उन्होंने आशा और संकल्प के साथ “140 करोड़ संकल्पों का त्योहार” के रूप में आज के दिन को परिभाषित किया।
1. आत्मनिर्भर भारत: आत्मविश्वास की नींव
मोदी ने भाषण में “आत्मनिर्भर” शब्द को 26 बार दोहराया, यह दिखाता है कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद हमारी निर्भरता ही गरीबी के गहरे कारणों में से एक बन गई। लेकिन आज किसान और स्थानीय उत्पादन ने हमें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है। आत्मनिर्भरता केवल निर्यात-आयात का मामला नहीं, बल्कि हमारी क्षमता और शक्ति का परिचायक है।
2. Operation Sindoor और रक्षा तैयारियाँ
प्रधानमंत्री ने Operation Sindoor का ज़िक्र किया—जहां S-400 Sudarshan Chakra रक्षा प्रणाली ने देश के महत्वपूर्ण ठिकानों की रक्षा की। उन्होंने इस अभियान को तेजी से निष्पादित करने के लिए सेना को दी गई “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” का भी गुणगान किया।
इसके अतिरिक्त, Sudarshan Chakra (महाभारत की प्रेरणा से) रक्षा क्षेत्र में हमारी रणनीतिक क्षमता का प्रतीक बताया गया, जिसे 15 बार भाषण में नोट किया गया।
3. ‘रक्त और पानी एक साथ नहीं बहेंगे’: जल स्वराज्य की आवाज़
मोदी ने “रक्त और पानी एक साथ नहीं बहेंगे” की जोरदार पंक्ति कही, यह आक्रामक संदेश था कि भारत अब Indus Waters Treaty जैसी असमान समझौतों को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस कदम का उद्देश्य किसान और देश हितों की रक्षा करना बताया गया।
4. आर्थिक सुधार और योजनाएँ
Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana: एक ट्रिलियन-रुपए (₹1 लाख करोड़) पहल, जिसमें पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 की सहायता प्रदान की जाएगी। इससे 3.5 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद जताई गई।
GST सुधार—दिवाली का तोहफ़ा: GST में “नेक्स्ट-जनरेशन” सुधार लाया जाएगा, जिससे कर बोझ कम होगा और MSMEs को लाभ मिलेगा। ₹GST दरों में बदलाव बहुप्रतीक्षित राहत साबित होगा।
“दाम कम, दम ज़्यादा”: सस्ते लेकिन अधिक प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के विकास पर जोर, जिससे आम लोगों को किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
डिजिटल प्रगति—UPI अजूबा: UPI को “अजूबा” करार देते हुए बताया गया कि आज यह 7 देशों में उपयोग हो रहा है, जो भारत की तकनीकी क्षमता और नवाचार को प्रकाशित करता है।
5. युवा और स्वर्णिम भविष्य
मोदी ने “युवा” को भाषण में 28 बार, और “नारी” (महिलाओं के मुद्दे) को 26 बार उल्लेख किया—जो उनकी प्राथमिकताओं का स्पष्ट संकेत हैं।
उन्होंने युवाओं से बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दी। Space (Gaganyaan, Space Station), Semiconductor मिशन, और “Made in India” jet engine जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों की भी बात की गई।
6. सांस्कृतिक और नवाचार का मिश्रण
भाषण के दौरान “भारत” शब्द का ज़िक्र 48 बार हुआ, यह राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक आत्मचेतना को दर्शाता है।
मोदी ने विविधता को भारत की ताकत बताया—Prayagraj Kumbh में एकता की झलक, साथ ही कई भाषाओं (मराठी, असमिया, बंगला, पाली, प्राकृत) को क्लासिकल भाषा पहचान देने का निर्णय।

7. रणनीतिक आत्मनिर्भरता: ऊर्जा, अर्धचालक और अंतरिक्ष
मोदी ने यह घोषणा भी की कि वर्ष के अंत तक घरेलू अर्धचालक तैयार होकर बाजार में आ जाएंगे। साथ ही, ऊर्जा क्षेत्र—सौर, हाइड्रोजन, और परमाणु—में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की योजनाएं साझा कीं। 10 नए परमाणु रिएक्टर पहले से ऑपरेशनल हैं और स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक परमाणु ऊर्जा क्षमता में 10 गुना वृद्धि की योजना है।
8. जनसुरक्षा और सुरक्षा माहौल
मोदी ने आतंकी खतरों, नक्सलवाद, और घुसपैठ जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर स्पष्ट रुख रखा। Operation Sindoor और सैन्य तैयारियों का हवाला देते हुए, उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया—“हमारा जवाब समय पर होगा”।
उन्होंने RSS के 100 वर्षों के योगदान की भी प्रशंसा की, और देश द्वारा इसके सम्मान की भावना साझा की।