ऑपरेशन सिंदूर (operation Sindoor): भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
7 मई, 2025 को, भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) शुरू किया, जो पाकिस्तान और पाकिस्तान-कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमलों की एक श्रृंखला थी। यह ऑपरेशन पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में 22 अप्रैल, 2025 को हुए घातक आतंकवादी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के खिलाफ अटल प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो पिछले दशक में 350 से अधिक नागरिकों और 800 से अधिक घायलों, साथ ही 600 से अधिक सुरक्षा कर्मियों की मौत के संदर्भ में देखी जा सकती है।
पृष्ठभूमि और ट्रिगर इवेंट
पहलगाम हमला, जो 22 अप्रैल, 2025 को हुआ, अत्यधिक बर्बरता के साथ चिह्नित था और जम्मू और कश्मीर में सामान्यता और पर्यटन को कमजोर करने का प्रयास था। इस हमले ने भारत को मजबूत कार्रवाई के लिए मजबूर किया, जिसके परिणामस्वरूप ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi )ने ऑपरेशन की पूरी निगरानी की और सशस्त्र बलों को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता दी, जो इसकी गंभीरता को दर्शाता है।
ऑपरेशन का निष्पादन
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित किया गया, जिसमें विशेष सटीक हथियारों और लोइटरिंग मुनिशन का उपयोग किया गया। सभी हमले केवल भारतीय क्षेत्र से किए गए, जो ऑपरेशन को और अधिक केंद्रित और नियंत्रित बनाते थे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई केंद्रित, मापा और गैर-तनावपूर्ण थी, और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया था, जो भारत की गैर-उत्तेजक मंशा को दर्शाता है।
लक्ष्य और स्थान
नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) से जुड़े थे। इनमें निम्नलिखित शामिल थे:
स्थान | प्रकार | विवरण |
---|---|---|
मार्कज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर (पाकिस्तान) | जेएम मुख्यालय | भर्ती, प्रशिक्षण और प्रेरण के लिए जाना जाता है। |
मार्कज तैबा, मुरिदके (पाकिस्तान) | एलईटी आधार | 2008 मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादियों, जैसे अजमल कसाब और डेविड हेडली, के प्रशिक्षण के लिए कुख्यात। |
सरजल, तेहड़ा कलान (पाकिस्तान) | जेएम शिविर | मार्च 2025 में चार जम्मू और कश्मीर पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया। |
मेहमूना जॉया, सियालकोट (पाकिस्तान) | एचएम शिविर | पठानकोट वायु सेना आधार हमले की योजना बनाई। |
मार्कज अहले हदीस, बरनाला (पीओके) | एलईटी स्थापना | हथियारों और विस्फोटकों के प्रशिक्षण के लिए। |
मार्कज अब्बास, कोटली (पीओके) | एलईटी फिदायीन प्रशिक्षण | 15 आतंकवादियों की क्षमता के साथ। |
मस्कर राहील शहीद, कोटली (पीओके) | एचएम स्थान | – |
शवाई नाला शिविर, मुजफ्फराबाद (पीओके) | एलईटी प्रशिक्षण शिविर | पहलगाम हमले सहित कई हमलों से जुड़ा। |
सैयदना बिलाल शिविर, मुजफ्फराबाद (पीओके) | जेएम स्टेजिंग क्षेत्र | हथियारों और विस्फोटकों के प्रशिक्षण के लिए। |
ये स्थान भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और निष्पादित करने में सीधे शामिल थे, विशेष रूप से हाल के पहलगाम नरसंहार में।
परिणाम और प्रभाव
भारत के अनुसार, ऑपरेशन में 80-90 आतंकवादियों को मार दिया गया, जो इन आतंकवादी समूहों की परिचालन क्षमता को काफी कमजोर करता है। पाकिस्तान ने, हालांकि, 8 नागरिक मौतों, 35 घायलों और 2 लापता की सूचना दी, और इसे “युद्ध का स्पष्ट कार्य” कहा। ऑपरेशन के बाद, सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया, जिसमें जम्मू और कश्मीर सीमा के पास नागरिकों को बंकरों में स्थानांतरित करना, उत्तर प्रदेश में लाल अलर्ट जारी करना और महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास सुरक्षा बढ़ाना शामिल था। स्कूल और कॉलेज पांच जम्मू और कश्मीर सीमा जिलों में बंद कर दिए गए, और उत्तरी भारत के हिस्सों में वाणिज्यिक उड़ानें निलंबित कर दी गईं।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
घरेलू प्रतिक्रियाएं: ऑपरेशन को भारत में सभी राजनीतिक दलों से व्यापक समर्थन मिला। कांग्रेस, बीजेपी और क्षेत्रीय दलों के नेता, जिनमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं, ने सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और राष्ट्रीय गर्व व्यक्त किया। जनता ने पटाखे फोड़कर और “भारतीय सेना जिंदाबाद” और “भारत माता की जय” जैसे नारे लगाकर जश्न मनाया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अधिकतम सैन्य संयम बरतने की अपील की, जबकि चीन ने संयम बरतने का आग्रह किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्थिति की निगरानी की और ट्रंप ने त्वरित समाधान की आशा व्यक्त की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “युद्ध का कार्य” कहा और मजबूत जवाबी कार्रवाई की कसम खाई। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के प्रभारी दूत को तलब किया और हताहतों की सूचना दी। भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूएई, रूस और सऊदी अरब जैसे कई प्रमुख देशों को जानकारी दी, यह आश्वासन देते हुए कि कार्रवाइयां गैर-तनावपूर्ण थीं और केवल आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ अटल प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सटीकता और संयम के साथ आतंक के मूल को निशाना बनाकर, भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपनी मिट्टी पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा। हालांकि इसने अंतरराष्ट्रीय ध्यान और प्रतिक्रियाओं को आकर्षित किया, भारत के भीतर इसे व्यापक समर्थन मिला, जो राष्ट्र की नागरिकों की रक्षा और शांति और सुरक्षा बनाए रखने के संकल्प को दर्शाता है।
Read also – मोबाइल छीनने का विरोध करने पर लड़की को चलती ट्रेन से फेंका