पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों में इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि 15 अगस्त को आयोजित होने वाले ‘झंडोत्तोलन कार्यक्रम’ में सभी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

जो भी स्कूल या शिक्षक इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उन पर विभाग की ओर से कार्रवाई की जा सकती है।
हर स्कूल में चार दिशाओं से फोटो अनिवार्य
शिक्षा विभाग के ताज़ा आदेश के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस के दिन आयोजित कार्यक्रम की चार अलग-अलग दिशाओं से तस्वीरें खींचना जरूरी होगा। इन तस्वीरों में स्कूल परिसर में मौजूद सभी बच्चे और शिक्षक स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिएं।
इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी स्कूल इस आयोजन में लापरवाही न बरते और सभी की उपस्थिति दर्ज हो सके।
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी
राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक, साहिला, ने बुधवार को सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश भेजे हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि 15 अगस्त को राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में झंडोत्तोलन समारोह पूरे सम्मान और उत्साह के साथ आयोजित किया जाए।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से भी सरकारी विद्यालयों के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें टैबलेट और मोबाइल का उपयोग कर तस्वीरें भेजने की व्यवस्था भी शामिल है।
तस्वीरें भेजने की समयसीमा और प्रक्रिया
जिला स्तर पर तय किया गया है कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की चार दिशाओं से ली गई तस्वीरें (प्रत्येक दिशा से एक) जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास समय पर पहुंचनी चाहिएं। इन तस्वीरों को भेजने की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है, ताकि किसी तरह की देरी न हो।
प्रिंसिपल और हेडमास्टर पर होगी जिम्मेदारी
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को झंडोत्तोलन कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दें।
इस दौरान यह विशेष ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी शिक्षक या छात्र की अनुपस्थिति न रहे।
डिजिटल मॉनिटरिंग की तैयारी
इस बार शिक्षा विभाग ने झंडोत्तोलन कार्यक्रम की निगरानी के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग करने का फैसला लिया है। जिन स्कूलों को पहले ही टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं, उन्हें इन्हीं उपकरणों से कार्यक्रम की तस्वीरें भेजनी होंगी।
जहां टैबलेट उपलब्ध नहीं हैं, वहां मोबाइल फोन से तस्वीरें लेकर भेजने का निर्देश दिया गया है।
क्यों जरूरी है यह कदम?
पिछले वर्षों में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जहां स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर कुछ सरकारी स्कूलों में कम उपस्थिति या लापरवाही देखी गई।
इस बार विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हर स्कूल में कार्यक्रम पूरे सम्मान और राष्ट्रभक्ति के माहौल में आयोजित हो, और किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए।
शिक्षकों और छात्रों की प्रतिक्रिया
हालांकि कुछ शिक्षक इस निर्देश को ‘कड़ा कदम’ मान रहे हैं, लेकिन कई लोग इसे अनुशासन बनाए रखने का सही तरीका बता रहे हैं। उनका मानना है कि इससे बच्चों में भी राष्ट्रीय पर्वों के प्रति सम्मान और भागीदारी बढ़ेगी।
क्या होगा अगर नियम तोड़े गए?
- हालांकि आदेश में सीधे-सीधे सज़ा का उल्लेख नहीं है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अगर कोई शिक्षक या स्कूल इस नियम का पालन नहीं करता है, तो रिपोर्ट बनाकर उच्च स्तर पर भेजी जाएगी, जिससे आगे कार्रवाई हो सकती है।