मिशन निपुण दिवस 2025: बिहार में बच्चों की शिक्षा को नया आयाम
5 जुलाई 2025 को बिहार शिक्षा विभाग ने मिशन निपुण दिवस के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया, जिसका उद्देश्य कक्षा 1 से 3 तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों को भाषा और गणित में दक्षता प्रदान करना है। यह पहल बिहार की शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (शिक्षा) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया, जिसे किशनगंज के प्राथमिक विद्यालय, सुहागी में शिक्षिका कुमारी निधि ने बच्चों को पढ़कर सुनाया। आइए, इस पहल के उद्देश्य, महत्व, और प्रभाव को विस्तार से समझते हैं।
मिशन निपुण दिवस क्या है?
मिशन निपुण बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लागू किया गया है। इसका मुख्य लक्ष्य प्राथमिक स्तर पर बच्चों को बुनियादी साक्षरता (भाषा) और गणितीय कौशल (न्यूमेरेसी) में निपुण बनाना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से कक्षा 1 से 3 के उन बच्चों पर केंद्रित है, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और जिन्हें अतिरिक्त शैक्षिक सहायता की आवश्यकता है। मिशन निपुण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा तीसरी कक्षा तक बुनियादी पढ़ाई, लेखन, और गणितीय कौशल में पारंगत हो जाए।
5 जुलाई 2025 को मनाए गए मिशन निपुण दिवस ने इस मिशन को और अधिक गति प्रदान की। इस दिन, बिहार के विभिन्न सरकारी स्कूलों में विशेष गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें शिक्षकों, अभिभावकों, और समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया।
मिशन निपुण दिवस 2025: प्रमुख गतिविधियां
- प्रेरणादायक संदेश: अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने शिक्षा के महत्व और आत्मविश्वास की शक्ति पर जोर दिया। यह संदेश किशनगंज के प्राथमिक विद्यालय, सुहागी में शिक्षिका कुमारी निधि द्वारा बच्चों को पढ़कर सुनाया गया, जिसने बच्चों में उत्साह और प्रेरणा का संचार किया।
- शैक्षिक गतिविधियां: स्कूलों में भाषा और गणित पर आधारित इंटरैक्टिव सत्र, क्विज, और गेम आयोजित किए गए। इन गतिविधियों का उद्देश्य बच्चों को मजेदार तरीके से सीखने के लिए प्रेरित करना था।
- शिक्षक प्रशिक्षण: शिक्षकों के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिसमें उन्हें मिशन निपुण के तहत नवीन शिक्षण पद्धतियों और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
- समुदाय की भागीदारी: अभिभावकों और स्थानीय समुदाय को बच्चों की शिक्षा में शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए।
मिशन निपुण का महत्व
मिशन निपुण बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इसके प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं:
- बुनियादी शिक्षा में सुधार: यह सुनिश्चित करता है कि प्राथमिक स्तर पर बच्चे पढ़ाई और गणित में मजबूत आधार बनाएं, जो उनकी भविष्य की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: बच्चों को प्रेरणादायक संदेशों और इंटरैक्टिव गतिविधियों के माध्यम से आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है।
- शिक्षक सशक्तिकरण: शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें।
- समावेशी शिक्षा: यह मिशन विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के बच्चों पर केंद्रित है, जो शिक्षा में समानता को बढ़ावा देता है।
बिहार में शिक्षा सुधार की दिशा
बिहार शिक्षा विभाग पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा सुधार की दिशा में कई कदम उठा रहा है। मिशन निपुण, शिक्षक भर्ती, और शिक्षक स्थानांतरण जैसे कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं। मिशन निपुण दिवस 2025 ने न केवल बच्चों और शिक्षकों को प्रेरित किया, बल्कि अभिभावकों और समुदाय को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम किया।