Mock Drill 7 मई 2025 को देशव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल: आपको क्या जानना चाहिए
Mock Drill on May 7, 2025 : भारत 7 मई 2025 को एक विशाल नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के लिए तैयार है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहला ऐसा आयोजन है। गृह मंत्रालय (MHA) ने 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के जवाब में यह अभ्यास शुरू किया है। यह ड्रिल 259 जिलों में हवाई हमले की सायरन, ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास के साथ नागरिकों और अधिकारियों को युद्ध जैसी आपात स्थिति के लिए तैयार करेगी। यह ऐतिहासिक आयोजन रणनीतिक कदम और राष्ट्रीय तैयारियों के लिए जागरूकता का प्रतीक है। आइए जानते हैं कि मॉक ड्रिल क्या है, इसमें क्या होगा और कौन से जिले शामिल हैं।
मॉक ड्रिल क्या है?
नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल एक आपातकालीन अभ्यास है, जो नागरिकों, सरकारी एजेंसियों और सुरक्षा बलों को युद्ध, आतंकी हमलों या प्राकृतिक आपदाओं जैसी वास्तविक संकट स्थितियों के लिए तैयार करता है। यह वास्तविकता का रिहर्सल है, जहां प्रतिभागी नियंत्रित वातावरण में अपनी भूमिकाएं निभाते हैं ताकि तैयारियों, समन्वय और प्रतिक्रिया तंत्र की जांच हो सके। इसका लक्ष्य है: पैनिक कम करना, जान बचाना और यह सुनिश्चित करना कि संकट में सभी को अपनी भूमिका पता हो।
7 मई की मॉक ड्रिल में क्या होगा?
यह ड्रिल युद्ध जैसी स्थिति का अनुकरण करेगी और इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी:
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हवाई हमले की सायरन: हवाई खतरों की चेतावनी के लिए तेज सायरन बजेंगे, जो जनता की प्रतिक्रिया और सिस्टम की कार्यक्षमता की जांच करेंगे।
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ब्लैकआउट: दुश्मन के विमानों या ड्रोन से छिपाने के लिए कुछ क्षेत्रों में बत्तियां बंद की जाएंगी, ताकि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की दृश्यता कम हो।
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निकासी अभ्यास: नागरिक उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का अभ्यास करेंगे।
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बुनियादी ढांचे की छद्मावरण: बिजली संयंत्र, हवाई अड्डे और संचार केंद्र जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं को छिपाया जाएगा।
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नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण: छात्रों सहित नागरिकों को आश्रय लेने, प्राथमिक चिकित्सा देने और शांत रहने का प्रशिक्षण मिलेगा।
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कंट्रोल रूम टेस्टिंग: भारतीय वायु सेना के साथ संचार लिंक और कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता की जांच होगी।
इस दौरान थोड़े समय के लिए बिजली कटौती, ट्रैफिक डायवर्जन और कुछ क्षेत्रों में प्रवेश पर रोक हो सकती है। पुलिस और अर्धसैनिक बल युद्ध जैसी परिस्थितियों का अनुकरण करेंगे, और सार्वजनिक घोषणाएं नागरिकों का मार्गदर्शन करेंगी। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह आगामी संघर्ष का संकेत नहीं है, बल्कि तैयारियों को मजबूत करने का एक कदम है।
यह ड्रिल क्यों?
इस ड्रिल का समय महत्वपूर्ण है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, जिसने पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोषियों को पकड़ने की कसम खाई है, जबकि पाकिस्तान ने “एक्सरसाइज इंडस” के तहत मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर चिंता बढ़ी है। गृह मंत्रालय ने वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में “नए और जटिल खतरों” पर जोर दिया है, जिससे नागरिक सुरक्षा तैयारियां महत्वपूर्ण हो गई हैं। 1968 के नागरिक सुरक्षा नियमों पर आधारित यह ड्रिल शीत युद्ध-युग की प्रथाओं को पुनर्जनन करती है ताकि भारत किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहे।
कौन शामिल होगा?
इस अभ्यास में कई लोग शामिल होंगे:
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स्थानीय प्रशासन: जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं और आपदा प्रतिक्रिया टीमें ड्रिल का नेतृत्व करेंगी।
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नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक: वार्डन, होम गार्ड और बचाव दल मैदान पर समन्वय करेंगे।
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छात्र और युवा: राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के सदस्य भाग लेंगे।
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नागरिक: निवासियों, जिसमें स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल हैं, को व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा।
भारतीय सशस्त्र बलों और स्थानीय पुलिस के साथ उच्च-स्तरीय समन्वय सुनिश्चित करेगा कि ड्रिल सुचारू रूप से चले। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने 6 मई 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिवों और नागरिक सुरक्षा प्रमुखों के साथ तैयारियों की समीक्षा की।
7 मई को क्या होगा?
7 मई 2025 को, शामिल जिलों के निवासी निम्नलिखित अनुभव कर सकते हैं:
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तेज सायरन: हवाई हमले की सायरन बजेंगी, जो नागरिकों को आश्रय लेने या निर्देशों का पालन करने का संकेत देंगी।
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बिजली कटौती: ब्लैकआउट सिमुलेशन के कारण विशेष रूप से रात में बिजली कट सकती है।
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ट्रैफिक व्यवधान: सड़कों को डायवर्ट किया जा सकता है, और कुछ क्षेत्रों को बंद किया जा सकता है।
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सार्वजनिक घोषणाएं: रेडियो, टीवी या लाउडस्पीकर के माध्यम से निर्देश दिए जाएंगे।
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प्रशिक्षण सत्र: स्कूल, कॉलेज और सामुदायिक केंद्रों में प्राथमिक चिकित्सा, आश्रय और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर सत्र होंगे।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे शांत रहें, आधिकारिक निर्देशों का पालन करें, प्रतिबंधित क्षेत्रों से बचें और पानी, टॉर्च और चिकित्सा सामग्री जैसी आवश्यक चीजों के साथ आपातकालीन किट तैयार रखें। यह जीवन रक्षक कौशल सीखने और संकट में अपनी भूमिका समझने का अवसर है।
शामिल जिलों की सूची
मॉक ड्रिल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 259 नागरिक सुरक्षा जिलों में होगी, जिसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्य शामिल हैं। नीचे उपलब्ध जानकारी के आधार पर राज्यों के अनुसार जिलों की आंशिक सूची दी गई है:
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असम: बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, धुबरी, गोलपारा, जोरहाट, सिबसागर, तिनसुकिया, तेजपुर, डिगबोई, दिलियाजन, गुवाहाटी (डिसपुर), रंगिया, नमरूप, नजीरा, दर्रांग, गोलाघाट, करबी आंगलांग, कोकराझार, उत्तरी लखीमपुर, नुमालीगढ़।
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बिहार: बरौनी, कटिहार, पटना, पूर्णिया, बेगूसराय।
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गुजरात: सूरत, वडोदरा, काकरापुर, अहमदाबाद, जामनगर, भुज, गांधीनगर, भावनगर, कांडला, नालिया, अंकलेश्वर, ओखा, वडिनार, भरूच, दहेज, कच्छ, मेहसाणा, नर्मदा, नवसारी।
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हरियाणा: अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकुला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर।
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जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, कठुआ, पुंछ, राजौरी, श्रीनगर, उधमपुर, सांबा, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतिपुर।
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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: पोर्ट ब्लेयर।
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आंध्र प्रदेश: हैदराबाद, विशाखापट्टनम।
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अरुणाचल प्रदेश: अलॉन्ग (पश्चिम सियांग), ईटानगर, तवांग, हायुलियांग, बोमडिला।
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पंजाब: चंडीगढ़, फिरोजपुर, और 18 अन्य जिले (विशिष्ट नाम स्रोतों में सूचीबद्ध नहीं)।
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उत्तर प्रदेश: 19 जिले, जिनमें 1 श्रेणी A में, 2 श्रेणी C में और 16 श्रेणी B में ।
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मेट्रो शहर: दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद।
नोट: यह उपलब्ध डेटा के आधार पर आंशिक सूची है। 259 जिलों की पूरी सूची प्रदान किए गए स्रोतों में पूरी तरह से विस्तृत नहीं है। पूरी सूची के लिए, आधिकारिक गृह मंत्रालय की अधिसूचनाएं या स्थानीय प्रशासन की घोषणाएं देखें।


यह क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं है—यह अनिश्चित समय में तैयारियों के महत्व की याद दिलाती है। भाग लेकर, नागरिक आत्मविश्वास हासिल कर सकते हैं, महत्वपूर्ण कौशल सीख सकते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दे सकते हैं। जैसा कि गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “तैयारी जीवन बचाती है।” यह अभ्यास निवारण, तत्परता और संभावित खतरों के सामने एकता के बारे में है।
आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सूचित रहें, निर्देशों का पालन करें और भारत की नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के इस ऐतिहासिक प्रयास का हिस्सा बनें। आइए, मिलकर तैयार रहें।