NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों के लिए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: भर्ती में कब होंगे शामिल?
5 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) के डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) उम्मीदवारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। यह सुनवाई प्राथमिक शिक्षक भर्ती में NIOS D.El.Ed धारकों की भागीदारी को लेकर थी।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: मुख्य बिंदु
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.आर. गवई और अन्य जजों की बेंच ने बिहार शिक्षक भर्ती (TRE-3) की खाली सीटों पर NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों को शामिल करने के मामले की सुनवाई की। सुनवाई में बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ भी उपस्थित थे। कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
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TRE-3 में भागीदारी: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि TRE-3 की बची हुई सीटों पर NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया जाएगा। यह निर्णय उन उम्मीदवारों के लिए निराशाजनक हो सकता है जो इस भर्ती में अवसर की उम्मीद कर रहे थे।
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TRE-4 में अवसर: सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि 2025 के अंत में होने वाली बिहार शिक्षक भर्ती (TRE-4) में NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों को शामिल करने का अवसर मिलेगा। यह भर्ती प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए होगी, और NIOS धारकों के लिए एक नई उम्मीद की किरण हो सकती है।
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आयु सीमा में छूट: कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा की गणना TRE-3 के आधार पर की जाएगी। इससे उन उम्मीदवारों को राहत मिलेगी जिन्हें आयु सीमा के कारण भविष्य की भर्तियों में अयोग्य होने का डर था।
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पिछले फैसले का संदर्भ: यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले (10 दिसंबर 2024) पर आधारित थी, जिसमें कहा गया था कि 10 अगस्त 2017 को सेवा में रहे शिक्षक, जिन्होंने 31 मार्च 2019 से पहले NIOS से 18 महीने का D.El.Ed पूरा किया, वे प्राथमिक शिक्षक भर्ती और पदोन्नति के लिए योग्य हैं।
NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों के लिए भर्ती की स्थिति

वर्तमान स्थिति
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TRE-3: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, NIOS D.El.Ed उम्मीदवार TRE-3 की शेष सीटों के लिए पात्र नहीं होंगे।
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पहले से नियुक्त शिक्षक: जो NIOS D.El.Ed धारक पहले से प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त हैं, उनकी नौकरी पर इस फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भविष्य की संभावनाएँ
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TRE-4: बिहार सरकार May 2025 के अंत में TRE-4 की घोषणा कर सकती है, जिसमें NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों को शामिल करने की अनुमति होगी। यह भर्ती हजारों उम्मीदवारों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकती है।
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अन्य राज्यों में स्थिति: सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मुख्य रूप से बिहार के संदर्भ में है, लेकिन इसका प्रभाव अन्य राज्यों की शिक्षक भर्ती नीतियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में भी NIOS D.El.Ed की मान्यता को लेकर विवाद रहा है।
NIOS D.El.Ed की वैधता: पृष्ठभूमि
NIOS D.El.Ed को 2017 में राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत इन-सर्विस शिक्षकों के लिए शुरू किया गया था, ताकि वे न्यूनतम योग्यता प्राप्त कर सकें। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर 2023 को फैसला दिया था कि यह कोर्स 2 वर्षीय D.El.Ed के समकक्ष नहीं है और सामान्य उम्मीदवारों के लिए प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य नहीं होगा।
इसके बाद, 10 दिसंबर 2024 को एक रिव्यू याचिका में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन-सर्विस शिक्षक (10 अगस्त 2017 तक कार्यरत और 31 मार्च 2019 तक कोर्स पूरा करने वाले) इस डिप्लोमा के आधार पर भर्ती और पदोन्नति के लिए योग्य हैं। 5 मई 2025 की सुनवाई इसी फैसले के अनुपालन से संबंधित थी।
उम्मीदवारों के लिए सुझाव
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TRE-4 की तैयारी शुरू करें: चूंकि TRE-4 में NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों को शामिल करने है, अभी से शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और अन्य आवश्यकताओं की तैयारी शुरू कर दें।
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आधिकारिक घोषणाओं पर नजर: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) और शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर TRE-4 से संबंधित अधिसूचनाओं पर नजर रखें।
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कानूनी सहायता: यदि आपको लगता है कि आपके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, तो किसी अनुभवी वकील से संपर्क करें। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकीलों की बहस ने पहले भी NIOS उम्मीदवारों के लिए राहत दिलाई है।
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दस्तावेज तैयार रखें: सुनिश्चित करें कि आपके पास NIOS D.El.Ed सर्टिफिकेट, TET स्कोर, और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार हैं।
निष्कर्ष
5 मई 2025 की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई ने NIOS D.El.Ed उम्मीदवारों के लिए मिश्रित परिणाम दिए। हालांकि TRE-3 में भागीदारी का मौका नहीं मिला, TRE-4 में शामिल होने की संभावना और आयु सीमा में छूट उम्मीद जगाती है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे निराश न हों और भविष्य की भर्ती के लिए तैयार रहें। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन इन-सर्विस शिक्षकों के लिए भी राहत है, जिन्होंने 2019 से पहले यह कोर्स पूरा किया था।
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हालाँकि, फैसले की प्रति अपलोड होने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
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